शनिवार

महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर और प्रकार

सर्वाइकल कैंसर के  कारण-- र्वाइकल कैंसर क्या है और वह कैसे होता है। और इसका बचाव कैसे हो सकता है।  
महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर और इसकी जानकारी बहुत ही जरूरी पहलु है। क्योंकि इससे हर साल महिलाओं की संख्या बहुत ज्यादा है इससे म्रत्यु का कारण विश्व के विभिन्न संस्थानों के अनुसार इससे करीब तीन लाख महिलाएं हर साल म्रत्यु का प्रमुख कारण मानतीं है और इसपर विशेष रूप से हर साल जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं और इसके कारण का प्रचार किया जा रहा है इसका सबसे प्रमुख कारण ह्याूमन पेपिलोमा वायरस हैं जो असुरक्षित यौन संबंध बनाने के कारण फैलता है यह रोग सभी महिलाओं में देखा जाता है लेकिन सबसे ज्यादा यह किशोर अवस्था में या युवावस्था में अधिक देखा जाता है। डॉक्टर के अनुसार शरीर के किसी भी हिस्से में कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि को कैंसर कहते हैं और यह शरीर के किसी भी भाग को छत्रगति कर सकता है और इसका किसी भी अन्ग को प्रभावित कर सकता है यह बहुत से कारणो का परिणाम है जिससे महिलाओं मे इसका कारण है और यह आनुवांशिक भी हो सकता है और उनके निजी दिनचर्या कार्य और और उनके गलत खान पान की वजह से यह कारण हो सकता है महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के सबसे ज्यादा और अधिक मामले देखने को मिल रहे हैं ओर इससे सबसे ज्यादा महिलाएं प्रभावित होती है। ः। - - - -     सर्वाइकल कैंसर क्या है -और यह शरीर के किस हिस्से में होता है - सर्वाइकल कैंसर यह महिलाओं के गर्भाशय में सबसे ज्यादा होता है। और इसका बचाव कैसे हो सकता है तो यह ज्यादा जानकारी से बचाव किया जा सकता है यह महिलाओं गर्भाशय और वजीना के रास्ते में होने वाला कैंसर है जो ह्याूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) के कारण होता है. गर्भाशय के इंडो सर्विक्स और एक्टोसर्विक्स में से किसी एक हिस्से में यह कैंसर सबसे ज्यादा होता है इस कैंसर में सर्विक्स के टिश्यू में मेलिंगनेंट सेल्स बन जाते हैं जिससे कैंसर होता है एक बार एचपीवी का संक्रमण होने के बाद यह पांच - दस सालों तक सुप्तावस्था में रह सकता है इसे कार्सिनोमो इनसीटू भी कहते हैं इस आधार पर इस कैंसर को कई प्रकार में श्रेणियों में बांटा जाता है यह कैंसर सेक्सुअल ट्रांसमिटेड डिसीज है सर्वाइकल कैंसर के कई कारण हैं और और कई कारण हो सकते हैं और जितनी कि हर पहलुओं को भिन्न-भिन्न चित्रित करने पर निष्कर्ष यही निकलता है कि महिलाओं की दिनचर्या और असुरक्षित यौन मुख्य कारण है। एक रिपोर्ट के अनुसार 50 फिसदी सर्वाइकल कैंसर रोग से पीड़ित महिलाओं में इसका प्रमुख कारण असुरक्षित यौन संबंध है और केवल 10 प्रतिशत आनुवशिंक कारण है और पाया गया है और इसके आलावा गर्भ निरोधक दवा का सेवन अधिक से अधिक सेवन से और शराब का सेवन बीडी - सिगरेट का सेवन तथा अन्य कई तरह के तम्बाकू के सेवन से और अधिक प्रसव होने और बार बार गर्भ धारण करने से भी इनका कारण हो सकता है लेकिन उचित समय पर जाँच व इसकी जानकारी ही इसका इलाज किया जाता है इसलिए जाँच करवाते रहना चाहिए इसके प्रमुख लक्षण जाने और इसका बचाव कैसे करें इसकी शुरुआत में ही इलाज करवाए - इसके लक्षण को शुरुआत में ही पहचाने जब योनि से बदबूदार द्रव का रिसाव हो तो और शरीर सम्बन्ध बनाने के बाद अधिक मात्रा में रक्त का स्राव होना और तेज दर्द महसूस होना
मेनोपॉज के बाद भी ब्लीडिंग का होना ज्यादा भुख लगना एकदम से वजन का कम होना इसके लक्षण है इन वारीकियो पर ध्यान देना चाहिए इनके होने पर इसकी जांच करवाकर सही समय पर इलाज करवाना है इस की वजह मुख्यतः एचपीवी है एचपीवी एक कामन वायरस है जो सेक्स के दौरान एक दुसरे के शरीर में जाता है आमतौर पर यह वायरस खुद ही समाप्त हो जाता है यदि यह समाप्त नही होता है तो यह कैंसर का कारण बनता है
इसका उपचार करवाने के लिए पहले इसकी जांच की जाती है जाँच में एबडांमेन की अल्ट्रासाउंड, सिटी स्कैन, एक्सरे, एमआरआइ के द्वारा जांच की जाती है
जब इसकी पुष्टि होती है तो इसके लक्षण के आधार पर ही इसका इलाज किया जाता है इलाज की विधी किस प्रकार से की जाए यह सब मरीज के लक्षण पर जांच के द्वारा निवारण की जाती है और मुख्यतः इसका इलाज सर्जरी, रेडिएशनथेरेपी, और कीमोथेरेपी से की जाती है
जैसे कि हम पहले ही सर्वाइकल  कैंसर पर जान चुके हैं कि सर्वाइकल कैंसर गर्भाशय और वजीना के बीच के हिस्से सर्विकस में होने वाला रोग है इसका प्रमुख कारण एचपीवी का इन्फेक्शन है तो इसकी शुरुआत में ही पहचान होने पर इसका सर्जरी के द्वारा इलाज़ किया जाता है और ज्यादा बढ़ जाने पर इसका इलाज रेडिएशन थैरेपी के द्वारा इलाज किया जाता है
कैंसर के इलाज तथा उसके स्तर  - एक  इसमें कैंसर कोशिकाएं सर्विक्स की सतह में ही रहती है ये अन्दर ही रहती है गर्भाशय से बाहर नहीं आती है गर्भाशय के अन्दर ही रहती है स्तर - दो -कैंसर सर्विक्स और गर्भाशय के कई हिस्सों में फैल जाती है लेकिन पेल्विस क्षेत्र या वजीना के नीचे के हिस्से में नहीं फैलती है  स्तर - तीन कैंसर वजीना के निचले हिस्से में भी फैल जाती है इससे यूरिन की ट्यूब भी ब्लॉक हो सकती है                                                                                                                                                 स्तर - चार यह कैंसर की आखिरी स्तर है इसमें कैंसर वजीना के आलावा आस पास के कई हिस्सों में जैसे ब्लाडर, रेक्टम आदि हिस्सों में फैल जाती है यह पूरी तरह से जकड लेती है और यह यहा तक कि ये दूसरे अंगों को भी छत पहुंचाती है जैसे लिवर, फेफड़े तक भी पहुंच जाती है और जकड़ लेती है।
टीकाकरण अभियान - यह कैंसर हू्ामन पैपिलोमा वायरस की वजह से होता है बचाव के लिए हू्ामन पैपिलोमा वैक्सीन उपलब्ध है यह देश भर के सभी अस्पताल में उपलब्ध है इसको कही भी लगवा सकते हैं वैक्सीन केवल नौ साल से छब्बीस साल की उम्र की महिलाएं लगवा सकती है यह वैक्सीन तीन चरणों में दी जाती है वैक्सीन की पहली डोज एक महीने में उसके बाद दूसरी और तीसरी डोज छटे महीने में दी जाती है
सलाह-मशविरा - चूकि यह एसटीडी है अतः असुरक्षित यौन संबंध से बचे - कम उम्र में विवाह से बचे अधिक गर्भनिरोधक गोलियां खाने से बचें यदि गर्भनिरोधक गोलियां खानी है तो डॉक्टरों की सलाह से गर्भनिरोधक गोलीयो का प्रयोग करे महिलाएं नियमित रुप से पैप स्मीयर जांच कराए यौन अंगौ का तथा उसकी सफाई का विशेष ख्याल रखें वैक्सीन भी ले सकती हैं सही समय पर किया गया कार्य ही इसका बचाव किया जाता है सही समय पर स्क्रीनिंग टेस्ट से असमान्य कोशिकाओं का पता चल जाता है जिससे बाद मे कैंसर बनने से रोका जा सकता है पैप स्मीयर टेस्ट से सर्विक्स के सेल मे होने वाले परिवर्तन का पता चल जाता है एचपीवी टेस्ट से इस वायरस का पता चल जाता है जो सेल मे परिवर्तन का कारण होता है अधिकतर महिलाओ को पैप स्मीयर टेस्ट एक बार जरूर करवानी चाहिए 21 साल के बाद ये टेस्ट करवानी चाहिए अगर पहला टेस्ट नार्मल आता है तो इसके बाद हर पांच साल में टेस्ट करवाते रहना चाहिए और 65 साल के बाद अगर नार्मल होता है तो फिर टेस्ट करवाने की जरुरत नही है यदि फाइब्राइड होने की स्थिति मे सर्जरी द्वारा गर्भाशय हटा दिया गया हो तो टेस्ट करवानी की जरुरत नही है और नही पडती है।
इलाज व इसके  जिम्मेवार इसके उपचार की प्रक्रिया  - इसके जिम्मेवार बस एक है वह है एचपीवी इसका इलाज - सर्जरी - इस कैंसर के उपचार के लिए सर्जरी आमतौर पर तब की जाती है जब इसकी पहचान प्रारम्भिक स्तर पर हो जाती है यानी जब कैंसर अधिक नही फैलता या अधिक नही फैला होता है सर्जरी से उपचार सिर्फ़ दो स्तर तक ही हो सकता है सर्जरी द्वारा हिस्ट्रे्कटोमी से इलाज होता है सर्जरी द्वारा गर्भाशय निकाला जाता है सर्जरी के बाद महिला कभी गर्भधारण नही कर सकती है  रेडिएशन थेरेपी - इबीआरटी एंव बै्रकीथैरेपी से इलाज किया जाता है इसमे रेडिएशन थेरेपी 80-100 सेमी दूर से दी जाती है हाइ एनर्जी बीम जैसे मेगावोलटेज एक्स-रे या गामा रे (कोबाल्ट मशीन) का प्रयोग होता है बै्रकीथेरेपी मे सर्विक्स के पास रेडिएशन सोर्स को रखा जाता है प्रकिया मे कीमोथेरेपी प्रतेक सप्ताह साथ साथ की जाती है इलाज दो महीने तक चलता है   कीमोथेरेपी - कीमोथेरेपी का उपयोग ज्यादातर रेडिएशन थेरेपी से होता है इसमे पांच सप्ताह तक हर सप्ताह में एक बार कीमोथेरेपी होती है इससे रेडिएशन थेरेपी के प्रभाव को बढाने मे मदद मिलती है इसका बहुत ज्यादा साइड इफेक्ट्स नही होता है सर्वाइकल कैंसर यदि बढ गया हो तो कीमोथेरेपी से मरीज की तकलीफ को कम किया जा सकता है और उसकी उम्र को थोडा बहुत बढाने का प्रयास किया जाता है एचपीवी इन्फेक्शन पुरुषो मे भी होता है इससे पेनिस, मुह और गले के कैंसर का खतरा होता है महिलाओं मे इससे वजीनल कैंसर का भी खतरा होता है इस कारण एचपीवी वैक्सीन 9-11 वर्ष की उम्र मे बच्चियों के अलावा लडकों को भी दी जाती है
महिलाओं में होने वाले कुछ प्रमुख कैंसर
ब्रेस्ट कैंसर - यह महिलाओं मे होने ढता जाता है। जिनके परिवार मे कैंसर का इतिहास हो उन्हे खतरा अधिक रहता है सुरआत में वह छोटा होता हैवाला प्रमुख कैंसर है जो किसी भी समय किसी भी उम्र में हो सकता है हालाकि उम्र बढ़ने के साथ खतरा ब जब यह छोटा होता है तब इलाज आसानी से हो जाता है अतएव 40 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को हर एक दो साल में मेमोग्राम करवाना चाहिए 45-50 की उम्र में हर साल मेमोग्राम होना चाहिए 55 वर्ष के बाद हर दो वर्ष में जांच करानी चाहिए हालाकि आप हर साल भी करा सकती है कम उम्र की महिलाओं को खुद जांच करनी चाहिए देखना चाहिए कि गांठ तो नही बन रही है कुछ अलग दिखे तो तुरन्त डाक्टर के पास जाना चाहिए और चेकअप करवाना चाहिए 
एंडोमेट्रेियल कैंसर - यह आमतौर 55 वर्ष के बाद होता है यह यूटेरस की लाइनिंग मे होने वाला रोग है अनियमित पीरियड मेनोपॉज देर से होने, इनफटि़लिटी या कभी गर्भ न धारण करनेवाले को इस का खतरा अधिक होता है पीसीओएस या मोटापे से ग्रस्त लोगों को इसका खतरा अधिक होता है यदि पीरियड के आलावा किसी प्रकार का अनियमित रक्तस्राव होता है तो तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए इस कैंसर का पता पैप स्मीयर से चल सकता है
ओवेरियन कैंसर - यह उम्रदराज महिलाओं में होता है इनफर्टिलिटी हो बच्चा ना हो या पहला बच्चा 30 वर्ष के बाद हो इसका खतरा बढ जाता है शुरुआती पहचान के तौर पर निम्न लक्षण दिखाई दे तो तुरन्त डाक्टर के पास जाना चाहिए, पेट के निचले हिस्से में सूजन, बिना किसी कारण के पांचन सम्बन्धित समस्याएं, पेट या निचले हिस्से में दर्द होना हमेशा मूत्र त्याग की इच्छा हो
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kolkata Bidhan Sarani, Bidhan Sarani

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मनुष्य का सबसे बड़ा धन उसका स्वस्थ शरीर हैं इससे बड़ा जगत में कोई धन नहीं है यद्यपि बहुत लोग धन के पीछे अपना यथार्थ और भविष्य सब कुछ भुल जाते हैं। उनको बस सब कुछ धन ही एक मात्र लक्ष्य होता है। अन्तहीन समय आने पर उन्हें जब तक ज्ञात होता है तब तक देर हो चुकी होती है। क्या मैंने थोड़ा सा समय अपने लिए जिया काश समय अपने लिए कुछ निकाल पाता तो आज इस अवस्था में मै नहीं होता जो परिवार का मात्र एक प्रमुख सहारा है वह आज दुसरे की आश लगाये बैठा है। कहने का तात्पर्य यह है कि वह समय हम पर निर्भर करता है थोडा सा ध्यान चिन्तन करने के लिए अपने लिए उपयुक्त समय निकाल कर इस शारीरिक मापदंड को ठीक किया जाय। और शरीर को नुकसान से बचाया जाए और स्वास्थ्य रखा जाय और जीवन जीने की कला को समझा जाय।   vinaysinghsubansi.blogspot.com पर इसी पर कुछ हेल्थ टिप्स दिए गए हैं जो शायद आपके लिए वरदान साबित हो - धन्यवाद